Tuesday, January 3, 2012

देश को लूट कर बढेरा खरबपति बना


रामेश्‍वर आर्या

प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय

दोस्तों ये रिपोर्ट इकोनोमिक्स टाइम्स ने छापी है .. तथा 14 -3 - 11 को रात 8 :15 को स्टार न्यूज़ पर एक प्रोग्राम आया " वढेरा का साम्राज्य " जो 30 मिनट का था लेकिन बीच में ही बंद कर दिया गया .. आखिर आज राबर्ट वढेरा के पास खरबों रूपये कहा से आये ??? प्रियंका गाँधी के साथ शादी के पहले उनका बहुत ही छोटा मुरादाबाद में पीतल के बर्तन का बिसनेस था उसमे भी राबर्ट के 5 चाचा तथा 3 भाई भागीदार थे .. आज उन्होंने 

हरियाणा में खरबों रूपये की खेती योग्य जमीन अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के लिए खरीदी है .. जिसके लिए हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने सारे नियम कायदे एक रात में बदल दिए वो भी सिर्फ राबर्ट वढेरा के लिए .. ये कहा तक उचित है ??? आखिर हमारे देश की मीडिया चंद रुपयों में क्यों बिक जाती है ??? मीडिया इस पर कोई प्रोगाम क्यों नहीं दिखता की आज राबर्ट के पास खरबों रूपये कहा से आये ?? 


NEW DELHI: New Delhi-based entrepreneur Robert Vadra, married into the country 's most powerful family, has made a quiet and relatively unheralded entry into the real estate business, including a partnership with DLF Ltd. India 's largest realty firm. Vadra, the son-in-law of the ruling United Progressive Alliance coalition chairperson Sonia Gandhi , has stayed away from electoral politics, maintaining that he wants to be known as a businessman.

In interviews, he has said that his focus is on Artex , a small company specialising in jewellery and handicraft exports. That seems to be changing as 42-year-old Vadra, known for his punishing fitness regime and love for fast bikes, has sought to scale up and diversify his business activities since 2008, acquiring tracts of land in Haryana and Rajasthan, a 50% stake in a leading business hotel in Delhi, and attempting an entry into the business of chartering aircraft. Regulatory filings available in the public domain and reviewed by ET reporters reveal the changing graph of Vadra 'sbusiness interests. These include wide-ranging transactions with the DLF Group.

Several of his companies have received loans, some unsecured, from DLF group companies, including the Bombay Stock Exchange-listed flagship DLF Ltd.

A JOINT VENTURE AND SOME LOANS

Sky Light Hospitality Pvt Ltd , a company wholly owned by Vadra and his mother Maureen Vadra, is a partner, along with DLF Hotel Holdings and others, in a partnership firm that owns the business hotel Hilton Garden Inn in the upscale South Delhi business district Saket. The hotel is located within the DLF Place mall, also known as DLF Courtyard. "The Hilton Garden Inn Hotel in Saket is a small business hotel.

I have interest in hospitality and am happy to be part of the hotel," Vadra told ET, speaking on the phone from Europe, where he is travelling presently. He said the business association with DLF stemmed from a long-standing friendship with the family that controls the realty giant. "I have known the DLF people for a long time and they are friends of mine. I had wanted to invest in real estate and one thing led to another. Right now, I can only be part of a small hotel.

If I were taking favours from people I would be doing far bigger things. But I am doing this on my own. I can't expand immediately but I hope to expand a few years down the line," he added.


Courtesy:-श्री जीतेन्द्र प्रताप जी द्वारा 
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=201726056521368&set=a.139450329415608.21011.100000519267347&type=1&theater





आइये आज आप को भारत की भ्रष्ट व्यवस्था के काले धन को छुपाने में सहायक राष्ट्रीय दामाद की पोल खोलते हैं जो कोई भी भ्रष्ट और भांड मिडिया नहीं खोलेगा !




इस चित्र में बाईसवें 22  नंबर  पर एक नाम लिखा है वो नाम है रॉबर्ट वाड्रा और को शायद पता हो या न हो ये हैं सोनिया गाँधी उर्फ़ अन्टोनिया मैनो के दामाद और ये जैसे ही सोनिया के दामाद बने तभी से इस घदेड़ा को राष्ट्रीय दामाद की उपाधि दे दी गई !




रॉबर्ट वाड्रा का कुछ इतिहास इस प्रकार है ये मुरादाबाद उत्तर प्रदेश के निवासी थे और प्रियंका गाँधी से शादी करने के बाद ये खरबपति हो गए ये प्रियंका गाँधी को जब शादी करके ले कर गए थे तब इनके पास थी एस्टीम और आज टाटा अम्बानी को टक्कर दे रहे हैं ! टाटा को खरबपति बन्ने में 100 साल लग गए , अम्बानीस को भी  50  साल लग गए , पर इस राष्ट्रीय दामाद ने ऐसा क्या कर दिया की ये 08 साल में खरबपति बन गया ये एक बहुत बड़ा प्रश्न है ???????


इनके एक भाई थे रिचर्ड वाड्रा जो सितम्बर 2003 में अपने वसन्त विहार स्तिथ घर में मृत पाए गए थे ?


इसकी एक बहन मिशेल 2001 में एक कार दुर्घटना में मृत पायी गई ?


इसके पिताजी श्री राजिंदर वाड्रा 02 अप्रैल 2009 को आत्मा हत्या करके मर गए ? 


इसके परिवार के सभी सदस्यों की मृत्यु हो गई ये भी एक प्रश्न है ?


इनमे से किसी की भी असमय मृत्यु की जांच नहीं हुई क्यों ? 


क्योंकि ये राष्ट्रीय दामाद है सोनिया का दामाद राष्ट्रीय दामाद !


ख़ुफ़िया सूत्रों के हवाले से खबर मिली है की ये हरामी भारत का सारा कला धन इधर से उधर ठिकाने लगाने का काम भी करता है इसलिए इसका नाम बिना किसी पद के भारत के सभी राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों ( ऐर्पोर्ट्स AIRPORTS ) पर लिखा है !




जागो भारतियों जागो देश के गद्दारों को जूते मारों सालों को ये सब सत्य है अब तैयार हो जाओ में आप को नीचे कुछ लिंक दे रहा हूँ जरुर देखें और अपनी जानकारी को और दुरुस्त करें !  


LINK 1:- http://en.wikipedia.org/wiki/Robert_Vadra


LINK 2:- http://www.dailymotion.com/video/xkb0f7_how-robert-vadra-became-fastest-growing-multi-billionaire_news


LINK 3:- http://www.dailymotion.com/video/xk9h63_how-sonia-gandhi-s-son-in-law-robert-vadra-became-fastest-billionaire-banned-video_news#rel-page-3


LINK 4:- BHRASHT SARKAR KA SABSE BADA BHRASHT DAMAD ROBERT VADRA


>http://www.youtube.com/watch?v=6_WmoItuSa4


LINK 5:- http://www.youtube.com/watch?v=BT5_gRAFbek


LINK 6:-http://www.youtube.com/watch?v=ykhVJqv4n40&feature=related

Monday, January 2, 2012

नेहरू खान वंश भाग-15


भारत देश के प्रति सोनिया का महाषणयन्‍त्र
?



अयोध्‍या प्रसाद त्रिपाठी

प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय

समय आ गया है कि आर्य एक चोर की विधवा चोरनी को राजीव फाउंडेशन के आजीवन सदस्यता और उसके धन के विदेश पलायन पर विरोध  करें। इसकी जांच होनी चाहिए कि क्या इस औरत को गांधी फाउंडेशन का आजीवन अध्यक्ष बनने और उसके धन के दुरुपयोग का अधिकार है? इसके साथ ही साथ यह संपत्ति जब्त होनी चाहिए। जनता के धन का इस प्रकार दुरुपयोग रुकना चाहिए।
इस विदेशी औरत को महत्व दिया जाना, वह भी मेनका गांधी को छोड़ कर, संदेह पैदा करता है। मेनका को अपने पुत्र वरुण को गोद में लेकर आधी रात को इंदिरा आवास खाली करना पड़ा था। वह हर प्रकार से सोनिया से अधिक योग्य है। वह भी खान वंश की ही बहू है। परंतु उसके साथ वैदिक संस्कृति जुड़ी हुई है। जिसे मिटाना सबकी जरूरत है।
वैदिक संस्कृति को मिटाने के लिए ही अंग्रेजों की कांग्रेस ने इस्लाम को भारत में रखा है। मुसलमानों को आर्यों को मिटाने के लिए भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है। उन मुसलमानों को जिनका धर्म ही गैर मुसलमानों की हत्या करना व लूटना है। जहां चकमा शरणार्थियों को बंगलादेश भेजा गया वहीं मुसलमानों को राशन कार्ड और वोटर बनाया जा रहा है ताकि आर्यों की हत्या की जा सके और वैदिक सभ्यता केा मिटाया जा सके। अतः इस्लाम को इस देश से जाना ही पड़ेगा।
अत्यंत खेद है कि यह देश वर्णशंकर खान मुसलमानों द्वारा, जिन्होंने छद्म हिंदू नाम अपना लिए थे, पिछले 50 वर्षों से शासित रहा है। एक ऐसा वंश जिसने इस देश को मात्र लूट कर खोखला ही नहीं किया, बल्कि इस देश की वैदिक संस्कृति और उसके अनुयायियों को सुनियोजित और छद्म ढंग से सदा ही मिटाया है। जो भी वैदिक संस्कृति को मिटाने में सहायक रहा और जिसने भी आर्यों को कत्ल किया, उसे ही इस वंश ने इनाम दिया है। आर्यों को हिंदूनाम इस्लाम के अनुयायियों ने ही दिया है।
ईसाइयों को आज बहुसंख्यक समाज का बहुत बड़ा वर्ग अत्यंत सहिष्णु, मानवता का सेवक और विशेषकर गरीबों का हितचिंतक मानता है। इन लोगों की धारणाएं कितनी सच हैं इसका विचार आवश्यक है।
कोलम्बस ने आज से कोई पांच सौ वर्ष पूर्व जब अमेरिका का पता लगाया था। तब वहां लगभग दस करोड़ रेड इंडियन रहते थे। इन मानवता के सेवकों ने उनको समाप्त कर दिया। इसी प्रकार आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों, मेक्सिको के मायाओं, यूरोप के हीथेन और उनकी पगान संस्कृति आदि को भी इन ईसाइयों ने मिटा दिया। क्यों कि इनका ईसा मसीह कहता है,
जिस धरती को तुमने जीता है, उसके निवासियों के सभी पूजा स्थल नष्ट कर दो। जीती धरती के मूल निवासियों के देवी देवताओं के चिन्ह मिटा दो ताकि उन देवी देवताओं की कभी पूजा न की जा सके। जीते हुए शहरों के निवासियों को पूरी तरह नष्ट कर दो। बाइबल, व्यवस्था विवरण, 12:1-3.
विदेशों की तो दशा हमने आप को बताई। अब देखिए भारत में क्या हुआ? माउंटबेटन ने देश का बंटवारा भी किया और यहां की आबादी का सफाया भी। नागालैंड में ईसाइयों की नेशनल सोसलिस्ट कौंसिल आफ नागालैंड की समानान्तर सरकारें चला रही हैं। ईसाइयों की बहुसंख्या होते ही मिजोरम में मानवता के इन तथाकथित सेवक ईसाइयों ने वहां के मूल निवासी रियांगों को जीवित जलाना, उनके घरों को फूंकना और उनको लूटना प्रारम्भ कर दिया। लगभग 41 हजार बचे रियांग भाग खड़े हुए। अब वे त्रिपुरा में शरणार्थी जीवन ब्यतीत कर रहे हैं। याद रखिए! कोई ईसाई गिरफ्तार नहीं हुआ। किसी पर अभियोग चलने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। 3 ईसाइयों को जिंदा जलाने वाले दारा सिंह पर तो 8 लाख का इनाम घोषित है। वाधवा कमीशन अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुका है। हिंदुस्तान टाइम्स न्यायालय परिसरों में तमाम दिन बिना मूल्य समाचार पत्र बांटता रहा है। और इन रियांगों को न तो मिजोरम में पुनः बसाने के लिए कोई योजना है और न इनकी कोई खोज खबर लेने वाला है। सोनिया के सुपर प्रधानमंत्री बनते ही आप भी मरने के लिए तैयार हो जाइए। सोनिया को रोम राज्य लाना है। वैदिक संस्कृति मिटानी है।
उसी बाइबल और उसके गाड के एक मात्र तथाकथित पुत्र ईसा की धार्मिक दासी ने राजीव न्यास और इंदिरा गांद्दी राष्‍ट्रीय कला केंद्र न्यास के अरबों रूपए विदेश भेज दिए। पता ही नहीं लगता कि जिस विदेशी मुद्रा  अधिनियम के अधीन इस देश के नागरिकों पर रोज कार्यवाही होती है, इस औरत के विरुद्ध क्यों नहीं हो रही है?
अमेरिका के एकमात्र कैथोलिक राष्‍ट्रपति जान केनेडी को कत्ल कर दिया गया। हत्यारे का आज तक पता नहीं लगाया जा सका है। अमेरिकी कैथोलिक ईसाइयों पर विश्वास नहीं करते। कारण उसकी आस्था वैटिकन के पोप के प्रति होती है। राष्‍ट्र  के प्रति  नहीं। ऐसा अविश्वसनीय व्यक्ति अमेरिकी राष्‍ट्रपति बन गया, यह किसी को पहले विश्वास नहीं हुआ और फिर उसे आखिर अमेरिकियों ने रास्ते से हटा कर ही दम लिया। जब एक ईसाई ही कैथोलिकों पर विश्वास नहीं करता तो जो लोग सोनिया के पीछे हैं, वे किस हत्यारे और राष्‍ट्रद्रोही से कम हैं?
राजीव के प्रधानमंत्री बनने के पूर्व किसी ने सोनिया को किसी मंदिर में जाते नहीं देखा। दिखाने के लिए तो उसे बाबरी मस्जिद टूटने का दर्द है फिर भी वह किसी भी मस्जिद में नमाज पढ़ने नहीं जाती। जिन मंदिरों के दर्शन करने का नाटक यह औरत करती है, उसके तोड़ने वाले मुसलमानों और उनके इस्लाम का किसी ने विरोध करते उसे नहीं सुना। ईसाइयों ने इस देश को लूटा यहां शासन करते रहे उसके लिए उसने कभी किसी भारतीय से क्षमा नहीं मांगा। फिर यह कैसी भारतीय है?
यह औरत अपने को भारतीय कहती है जिसके बाप ने उसकी शादी तब तक नहीं होने दी जब तक मुसलमान राजीव ईसाई नहीं बन गया। जो औरत आज तक कैथोलिक ईसाई ही है। जिसने अपनी बेटी बियांका उर्फ प्रियंका भी ईसाई से ही ब्याही। वही औरत अपने को भारतीय कहती है और मंदिरों में जाती है। वह भी तब जब उसके द्वारा नियुक्त भाषणकर्ता सीता देवी को वैश्या? कहते हैं। उसी वैश्या के दर्शन करने ही यह मंदिरों में जाती है। इसका अर्थ यही है कि आर्यों को ठगा जा रहा है। यह प्रधानमंत्री बनने पर क्या करेगी? बताने की जरूरत नहीं है।
इस औरत को आर्यों को असहिष्णु धार्मिक बताने का क्या अधिकार है जिसके अपने कौम ने दूसरे के देवताओं को सदा अपमानित किया है। जो लूटने और हत्या करने के लिए अपने साम्राज्य बढ़ाते रहे हैं। आर्यों ने किसी देश पर हमला ही नहीं किया और न किसी का धर्मान्तरण ही कराया।
अगर सोनिया सचमुच सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है तो उसे बताना चाहिए कि वैदिक संस्कृति सर्वोत्तम संस्कृति है। यह संस्कृति किसी को आर्थिक और या धार्मिक दास नहीं बनाती है। सम्पत्ति का स्वामित्व व उपासना की आजादी देती है। यह संस्कृति किसी का धर्मान्तरण कराने और किसी की भूमि पर शासन करने में विश्वास नहीं करती। तब उसे अपनी औकात का पता लग जाएगा। याद रहे कि अभी हाल में ही एक पादरी को श्री लंका से मात्र इसलिए निकाल दिया गया था कि उसने लिखा था कि दूसरे धर्म भी ईसाई धर्म की तरह अच्छे हो सकते हैं।
सच तो यह है कि जब तक धरती पर भारतीय संविधान, कुरआन व बाइबल है, मानव जाति संकट में है।
क्रमश:
मानव रक्षा संघ प्रकाशन
अनुवादकः अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी
मूल लेखक: अरविंद घोष

Friday, December 30, 2011

नेहरू खान वंश भाग-14




सोनिया कौन है?
अयोध्‍या प्रसाद त्रिपाठी
प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय

सोनिया का जन्म इटली के एक छोटे से गांव ओरबास्सानो (तुरीन कस्बे के पास, आल्प पहाड़ियों की तराई में) के एक कैथोलिक ईसाई स्टेफैनो माइनो नामक पिता के यहां हुआ था। पिता किसी जमाने में इटली के तानाशाह मुसोलिनी का समर्थक था। श्री अरविंद घोष बताते हैं कि सोनिया, जब एक नौकरानी के रूप में लंदन में काम करती थी तब उससे राजीव, जो कैंब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ने गया था और तीन वर्ष में बिना एक भी डिग्री लिए बैरंग वापस आया, की मुलाकात हुई थी। ईसाई पिता इस विवाह के विरुद्ध था। विवाह तभी हुआ जब मुसलमान राजीव ने ईसाई धर्म स्वीकार किया और अपना नया नाम राजीव रोबोर्टो ब्रजेश गांधी  रखा। यह विदेशी एजेंट इस देश को बताती है कि वह भारतीय है। इस देश के नेता उसे भारतीय स्वीकार करते हैं। जब कि इस औरत ने न तो अपना धर्म बदला  और न अपनी बेटी का धर्म बदला। आज भी यह परिवार ईसाई है। यानी ईसा मसीह का धार्मिक व आर्थिक दास। गाड इसी ईसा मसीह का घरेलू नौकर है। इसी के आदेश पर तथाकथित गाड अपराधियों के अपराध क्षमा करता है, जो प्रकृति के विरुद्ध है। इससे अपराधियों को प्रोत्साहन मिलता है और धरती पर अराजकता फैलती है। आश्चर्य है कि जो व्यक्ति स्वयं को शूली पर लटकने से न बचा सका उसका ही गाड दास है तो इसका गाड कितना बड़ा होगा यह बताने की जरूरत नहीं है।
धर्म त्याग इस्लाम विरुद्ध है जिसके लिए मृत्युदंड है। फिर भी अब्दुल्ला बुखारी और सैयद शहाबुद्दीन चुप रहे. इसका भी कारण है। इस्लाम और ईसाई दोनों धर्मान्तरण के पक्षधर हैं। यानी वैदिक संस्कृति इनकी शत्रु है। ए लूट और आर्थिक व धार्मिक दासता के समर्थक भी हैं। शत्रु का शत्रु मित्र होता है। मुसलमान ईसाइयों के बिना मूल्य सैनिक भी हैं। कारण धर्मान्तरण, राष्‍ट्रांतरण, लूट, हत्या और बलात्कार जैसे भयानक अपराधों का पवित्र नाम जेहाद है। लूट और औरतों के लिए मुसलमान जेहाद करते हैं और अंत में षड़यंत्र करके उस लूट को औरतें देकर ईसाई हथिया लेते हैं। माउंटबेटन को क्या घटा था? फिर भी उसने अपने देश और जाति के लिए अपनी बीबी एडविना नेहरू को सौंप दिया और अपनी डायरी मे लिखा कि मुझे खुशी है कि नेहरू और एडविना के संबन्ध  सुधर चुके हैं। हमने आप की औकात बता दी है। उस कौम से जिसके माउंटबेटन जैसे सम्पन्न और संभ्रान्त व्यक्ति देश व धर्म के लिए अपनी बीबी एडविना नेहरू को सौंप सकते हैं के स्थान पर आप धर्म को ही अपमानित करते रहे हैं; तो आप जीवित ही कैसे बच सकते हैं? सोनिया ईसा की एजेंट है। झूठे और खतरनाक लुटेरे मजहब को सोनिया बचा न पाए यह सुनिश्चित करना आप का आपद्धर्म है।
जो लोग यह कहते हैं कि देश को आजादी मिली वे स्वयं को धोखा देते हैं। अंग्रेज एक धोखाधड़ी कर रहे हैं। आर्य जाति को समूल नष्ट करने की धोखाधड़ी। अपनी दुश्मनी साधने की प्रक्रिया में अंग्रेज एक तीर से कई शिकार कर रहे हैं। लूट,  हत्या, बलात्कार,  राष्‍ट्रांतरण और धर्मांतरण ही इस्लाम धर्म है। लूट ही मुसलमानों की जीविका का साधन है। दुनिया की  एकमात्र जीवित संस्कृति वैदिक संस्कृति, जो लूट और दासता विरोधी है, को मिटाने के लिए अंग्रेजों को एक पैसा ब्यय नहीं करना पड़ रहा है। इसके लिए इस्लाम धर्म में मुसलमानों की आस्था ही काफी है। आर्यों ने अंग्रेजी राज्य का विरोध किया था। अतः आर्यों को समूल नष्ट करना है। आर्य लूट और दासता के विरोधी भी हैं। आर्यों को समूल नष्ट करने के लिए इस्लाम से अच्छा मजहब ही कौन हो सकता है? इस प्रकार अंग्रेज, लूट व दासता विरोधी  एकमात्र जीवित वैदिक संस्कृति को समूल नष्ट करके, लूट और दासता का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं। वे कांटे से कांटा निकाल रहे हैं। अंत में भारत के महामूर्ख लोग सोनिया का रोमराज्य लाने के लिए तो वैसे ही ब्याकुल हैं। ‘‘सोनिया लाओ देश बचाओ’’ के पोस्टर तो गली गली कूचे कूचे उपलब्‍ध हैं ही।
सोनिया सत्ता में आने पर मुसलमानों को अधिक  सुविधाएं देने की भी बात कर रही है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 2930, मुस्लिम परसनल ला, जो मुसलमानों को गैर मुसलमानों को कत्ल करने, लूटने, द्दर्मांतरण, राष्‍ट्रांतरण  और काफिर महिलाओं के बलात्कार का मौलिक अधिकार  देते हैं। गैर मुसलमानों के लिए परिवार नियोजन और मुसलमानों के लिए 4 निकाह, मुसलमानों का आयात और चकमा शरणार्थियों का निर्यात, इन 52 वर्षों में आर्यों और उनकी वैदिक संस्कृति को मिटा नहीं पाए हैं। मुसलमान जो कहा करते थे कि हंस के लिया है पाकिस्तान लड़ के लेंगे हिंदुस्तान अब कहने लगे हैं कि अल्लाह हम शर्मिंदा हैं काफिर अभी तक जिंदा हैं। अतः अब मुसलमानों को अद्दिक सुविद्दाओं की अत्यद्दिक जरूरत है। अन्यथा आर्य जाति व वैदिक संस्कृति मिटेगी कैसे? लूट और दासता का अखंड साम्राज्य आएगा कैसे?
सोनिया ने भारतीय नागरिकता वर्षों तक स्वीकार नहीं की। राजीव की हत्या के बाद इस औरत के लिए भारत की नागरिकता लेना आवश्यक हो गया। इस प्रकार इसने विवश हो कर भारत की नागरिकता ली। इंदिरागांधी  राष्‍ट्रीय कला केंद्र, जनता के बहुमूल्य लगभग 23 एकड़ भूमि एवं जनता की सम्पत्ति से निर्मित है, उसकी यह औरत आजीवन अध्यक्ष कैसे बन गई? उसे 10 जनपथ में रहने का अद्दिकार और प्रियंका को बंगला मिलने का अधिकार कैसे है? राजीव गांद्दी फाउंडेशन की वह आजीवन मालकिन कैसे बन गई? ऐसा बताया जाता है कि देश विदेश में राजीव फाउंडेशन ने लगभग 500 कैथोलिक कानवेंट बनवाए हैं।
इतना ही नहीं! भारतीयों द्वारा दान दिए गए धन का सोनिया आर्यों को अपमानित करने के लिए प्रयोग करती है। राजीव फाउंडेशन के लिए दिए गए भाषण में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के डा. मुकर्रम अहमद को बुला कर उसने उससे भरी सभा में कहलवाया कि सीतादेवी एक वैश्या थीं। राजीव फाउंडेशन के धन का दुरुपयोग, अरब के पेट्रोडालर  की भांति, खुल्लमखुल्ला आर्यों को मिटाने के लिए किया जा रहा है। इसी देश के जयचंद और मानसिंह इसी चोरनी औरत को राष्‍ट्रमाता  बनाने पर तुले हुए हैं।
यह औरत सभी आर्यों को मूर्ख बना रही है। इटालियन बियांका को इसने प्रियंका घोषित किया हुआ है। ईसाई राबर्ट से इसी बियांका का विवाह कर इस विवाह को वैदिक विवाह बताती फिरती है। न लड़का हिंदू न लड़की हिंदू और विवाह हिंदू वैदिक रीति से! और इसी बियांका को भारत सरकार ने महल दे रखा है। किस अधिकार से? कोई पूछता ही नहीं। क्या देश व गैरमुसलमानों की हत्या कराने के लिए यह महल इनाम है?
यह ईसाई औरत आर्यों के प्रत्येक मंदिरों को दूषित कर रही है। वह भी ललाट पर सिंदूर लगा कर और कोई रोकता ही नहीं। जिस जवाहर ने देश के टुकड़े करवाए। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 31 द्वारा प्रदत्त आर्यों के संपत्ति के मौलिक अधिकार को प्रथम संविधान संशोधन द्वारा छीना। तिब्बत और अक्साई चीन चीन को सौंपा। नागरिकों की जमीनें छीनीं। देश का सोना लूटा और करोड़ों लोगों को उनकी अपनी ही माटी से उजड़वाया और कत्ल करवाया उस सूजाक के बीमारी से मरने वाले जवाहर को कांग्रेसी शाक्यमुनी कहते हैं। चाहते हैं कि आप भी वाह वाह कहें।
क्रमश:
मानव रक्षा संघ प्रकाशन
अनुवादकः अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी
मूल लेखक: अरविंद घोष

राजीव शासन काल

नेहरू खान  वंश भाग-13
अयोध्‍या प्रसाद त्रिपाठी
प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय




जब इंदिरा के अपने ही सुरक्षा कर्मी सिक्खों ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया, तब राजीव रोबोर्टो गांधी  को राजवंशीय परम्परा के अनुसार प्रधानमंत्री बनाया गया। सत्ता में आते ही राजीव ने भी आर्यों के कवच सिक्खों को अपने नाक के नीचे इसी दिल्ली में जीवित जलवाया और लुटवाया।
बोफोर्स में दलाली खाने में सीबीआई द्वारा पकड़ा जाना, जिसे देश का बच्चा बच्चा जानता है, राजीव की सबसे बड़ी उपलब्धि है। शक्ती सेना, कलकत्ता, पश्चिम बंगाल से प्रकाशित श्री सत्यप्रकाश ठाकुर के पुस्तक के अनुसार राजीव गांधी न तो इंजीनियर था और न मिस्टर क्लीन। वह एक चोर था। आकाशवाणी पर एक छोटी सी बच्ची ने भी कहा था, ‘गली गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है।जिसको छिपाने के लिए गुंडे कांग्रेसियों ने इतना विरोध  किया कि उस लड़की के पिता को अपनी नौकरी गवां कर रातों रात अज्ञात स्थान पर भागना पड़ा था।
जैसा कि हम सभी जानते हैं राजीव की कैथोलिक तमिल महिला सुभा द्वारा हत्या कर दी गई। बहुत से लोग सोचते हैं और कुछ शंका भी करते हैं कि सदा साथ रहने वाली सोनिया राजीव के साथ उस दिन पेरुम्बदूर क्यों नहीं गई? इसका कारण यह है कि सीआईए व आईएसआई दोनों को राजीव के संभावित हत्या की पूर्व जानकारी थी। कहा तो यहां तक जाता है कि अमेरिकी  राष्‍ट्रपति ने हादसे के तुरंत बाद सोनिया से बात की थी। क्या यह भारत के भावी प्रधानमंत्री पद के लिए सोनिया को शुभकामना थी? क्या राजीव को मरवाने में सोनिया का हाथ था? इसकी जांच ही नहीं की गई। राजीव के हत्या का मुख्य अभियुक्त अभी तक पकड़ा न जा सका। अलबत्ता निर्दोष लोगों की न्यायिक हत्याएं हो गईं। इसी प्रकार जब संजीव उर्फ संजय गांधी  का सेना हवाई जहाज दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो उसके पास से चाभी, घड़ी और उसकी डायरी लेने के लिए सबसे पहले मौके पर इंदिरा उर्फ फरजाना पहुंच गई। यहां भी कोई जांच नहीं की गई।
डाक्टर होमी भाभा के हवाई जहाज की दुर्घटना इटली के आल्प्स की पहाड़ियों यानी सोनिया के जन्मस्थल के निकट ही हुई बताते हैं। इसमें हवाई जहाज का ब्लैकबाक्स ही नदारद कर दिया गया था। समाचार पत्र बताते हैं कि राडार पर इटालियन जेट प्लेन को भाभा के हवाई जहाज का पीछा करते हुए देखा गया था। इसकी भी कोई जांच नहीं हुई।
समाचार पत्रों के अनुसार 1977 के इंदिरा के पतन के बाद सोनिया लम्बे समय तक राजीव के साथ इटली दूतावास में रही थी और इसके बाद इटली भाग गई थी। तीन वर्ष बाद पुनः इंदिरा शासन के बाद ही भारत वापस लौटी। अब राजीव न्यास की सारी संपत्ति लंदन भेजने के बाद वह निश्चिंत बैठी है और किसी भी असाधारण परिस्थिति में तुरंत देश छोड़ कर भाग सकती है। यही इसका देश प्रेम है।
राजीव की हत्या इसलिए हुई कि वह तमिल आर्यों को भारतीय आर्यों की सेना से कत्ल करा रहा था। यानी आर्य जाति और वैदिक संस्कृति को मिटाने में लगा हुआ था। वह भी श्री रामचंद्र काल के वैदिक संस्कृति के शत्रु देश श्री लंका के ईसाई राष्‍ट्रपति शजूलियस रिचर्ड जयवर्धन के सहयोग से। ठीक इसी प्रकार नेहरू भी बिहार में वैदिक संस्कृति के रक्षक बिहारियों को, जो मुसलमानों के विरुद्ध थे, कटवा रहा था। इतना ही नहीं उसने धमकी दी थी कि वैदिक संस्कृति के शत्रु मुसलमानों के विरुद्ध यदि बिहारियों ने अभियान बंद नहीं किया तो वह बिहार को बमबारी कराकर नष्ट कर देगा। यह कारण तो देश से छुपाया जा रहा है और देश को बताया जाता है कि अब बोफोर्स  या सबमैरिन की जांच का लाभ ही क्या है? ईश्वर ने इस चोर को दंड दे दिया। लेकिन हम जानना चाहते हैं कि जिस देश के विद्यार्थी विदेश में पढ़ाई के लिए भरपूर पैसे नहीं ले जा सकते, उस देश के राजीव फाउंडेशन का करोड़ों रूपया सोनिया लंदन कैसे ले जा पाई? वाजपेयी सरकार ने इस चोरनी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की?
सोनिया गांधी माइनो.
सोनियां माइनो अब अंग्रेजों के कांग्रेस की अध्यक्ष बन गई है। कैसे? सीताराम केसरी, जिसने उसके पैरों पर अपनी टोपी रख दी थी, को अपमानित कराके।
सोनिया का धार्मिक और राजनैतिक लक्ष्य
आमेर खजाने की चोरनी सोनिया एक कैथोलिक ईसाई है। इसकी बेटी-दामाद और बेटे सभी कैथोलिक ईसाई हैं। इनकी आस्था बाइबल और ईसा में है। अतः स्वयं रायबरेली के मतदाताओं को, जिन्होंने इस डायन को चुना है, कत्ल करने का सोनिया को असीमित मौलिक अधिकार है। इस डायन को लुटेरे व हत्यारे अल्लाह से निर्देशित (कुरआन 8117) आर्थिक ठगिनी प्रतिभा प्रेसीडेंट का भी भरपूर सहयोग है। क्या आप को नही लगता कि प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ मीडिया व रायबरेली के मतदाता सभी विक्षिप्त हो चुके हैं। हे ईश्वर! प्रजातंत्र के अंधभक्त यह भी नही जानते कि वे अपना सर्वनाश स्वयं कर रहे हैं। ऐसे प्रजातंत्र को लेकर आप क्या करेंगे जिसमें आतताई, चारा चोर, हत्यारे, लुटेरे व बलात्कारी सत्ता के शिखर पर पहुंच जाते हैं?
देश की छाती पर सवार सोनिया ने निम्नलिखित शपथ ली हुई हैः-
‘‘मैं यह भी प्रतिज्ञा करती हूं कि जब भी अवसर आएगा, मैं खुले रूप मे पंथद्रोहियों से, फिर वे प्रोटेस्टेंट हों या उदारवादी, पोप के आदेश के अनुसार, युद्ध करूँगी और विश्व से उनका सफाया करूँगी और इस मामले में मैं  न उनकी आयु का विचार करूँगी, न लिंग का, न परिस्थिति का। मैं उन्हें फांसी पर लटकाऊँगी, उन्हें बरबाद करूँगी, उबालूँगी, तलूँगी और (उनका) गला घोटूँगी। इन दुष्ट पंथद्रोहियों को जिन्दा गाड़ूँगी। उनकी स्त्रियों के पेट और गर्भाशय चीर कर उनके बच्चों के सिर दीवार पर टकराऊँगी, जिससे इन अभिशप्त लोगों की जाति का समूलोच्छेद हो जाए। और जब खुले रूप से ऐसा करना सम्भव न हो तो मैं गुप्त रूप से विष के प्याले, गला घोटने की रस्सी, कटार या सीसे की गोलियों का प्रयोग कर इन लोगों को नष्ट करूँगी। ऐसा करते समय मैं सम्बन्धित व्यक्ति या व्यक्तियों के पद, प्रतिष्ठा, अधिकार या निजी या सार्वजनिक स्थिति का कोई विचार नहीं करूँगी। पोप, उसके एजेंट या जीसस में विश्वास करने वाली बिरादरी के किसी वरिष्ठ का जब भी, जैसा भी निर्देश होगा, उसका मैं पालन करूँगी।’’
ज्ञातव्य है कि पोप दिल्ली आ कर सोनिया को मंच पर खुलेआम निर्देशित कर गया है कि ईसाइयों को 21वीं शताब्दी में पूरे एशिया को विवेकहीन (बाइबल, उत्पत्ति 217) ईसाई भेंड़ बनाना है।  क्या आप सोनिया को ऐसा अधिकार देकर भेंड़ बनना पसंद करेंगे?
नारियों की लूट व उनके बलात्कार को निंदनीय न मानने वाला अल्लाह ईश्वर कैसे हो सकता है? (कुरआन 424; 236; 33507030) लुटेरा व हत्यारा अल्लाह ईश्वर कैसे हो सकता है? (कुरआन 8117) मुहम्मद की अपनी ही पुत्रवधू के साथ मुहम्मद का निकाह कराने वाला अल्लाह ईश्वर कैसे हो सकता है? (कुरआन 3337-38). मूर्ति तोड़वाने (कुरआन, बनी इसराइल 1781 व सूरह अल-अंबिया आयत 2158) वाला अल्लाह ईश्वर कैसे हो सकता है? हत्या, लूट, बलात्कार और धर्मान्तरण और राष्ट्रांतरण की गाइड यानी संहिता कुरआन धर्मपुस्तक कैसे हो सकती है? इस्लाम सदा सदा के लिए काफिरों के गले पर रखी हुई तलवार है। अजान तो वस्तुतः मानव जाति के आराध्य देवों का अपमान है। जिसके लिए इमामों को भारतीय संविधान के अनु0 27 का उल्लंघन कर 10 अरब रू0 वार्षिक वेतन दिया जा रहा है। नमाज तो वस्तुतः घोर सांप्रदायिक प्रतिज्ञा है। जिसे मुसलमान सो कर उठने के बाद फिर सोने के पूर्व तक बड़बड़ाता है। क्या आप ऐसे अजान व नमाज को सहन करेंगे?
इसी प्रकार सत्ता के लिए दूसरे का कत्ल कराने वाला, (बाइबल, लूका 1927), मनुष्य के पुत्र का मांस खाने व लहू पीने की शिक्षा देने वाला (बाइबल, यूहन्ना 653), तलवार चलवाने वाला (बाइबल, मत्तीः1034), परिवार में शत्रुता पैदा कराने वाला (बाइबल, मत्ती 1035-36) व (बाइबल, लूका 1251-53) और मनुष्य को भेंड़ बनाने वाला ईसा ईश्वर का पुत्र कैसे हो सकता है? लूट व दूसरे के नारी के अपहरण की शिक्षा देने वाला (बाइबल ब्यवस्था विवरण 2013-14), दुधमुहों की हत्या कराने वाला और नारियों का उनके पुरुषों के आखों के सामने बलात्कार कराने वाला जेहोवा ईश्वर कैसे हो सकता है? (बाइबल, याशयाह 1316) उपासना स्थल तोड़वाने वाला जेहोवा ईश्वर कैसे हो सकता है? (बाइबल, व्यवस्थाविवरण 121-3).

मानव रक्षा संघ प्रकाशन
अनुवादकः अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी
मूल लेखक: अरविंद घोष