नेहरू खान वंश भाग-18
अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी
प्रस्तुति: डॉ0 संतोष राय
अपने 18 वर्षों की पत्रकारिता में मैनें सत्य लिखने के बदले 42 बार हवालातों में रातें काटी हैं। न्यायिक बंदी रहा हूं। अपने पत्रिका पर अर्थदंड लगवाया है। वह सत्य यह है कि हर मुसलमान व ईसाई स्वेच्छा से बना महामूर्ख दास व जघन्य अपराधी है। भारतीय संविधान, कुरआन व बाइबल अपराध संहिताएं हैं। अल्लाह, ईसा व जेहोवा दुर्दान्त अपराधी हैं। यदि इस्लाम और ईसाइयत धरती पर रहे तो मानव जाति नष्ट हो जाएगी। ईसाइयत व इस्लाम को भारत में रहने देना ही धोखाधड़ी है। जहां आर्यों ने विश्व के सभी संस्कृतियों को शरण दिया, वहीं ईसाइयत व इस्लाम ने जहां भी शरण ली, आक्रमण या घुसपैठ की, उस भूभाग की मूल संस्कृति को नष्ट कर दिया। भले ही संस्कृति को मिटने में सैकड़ों वर्ष लगें, लेकिन ईसाइयत व इस्लाम विफल नहीं होते। आंशिक वैदिक संस्कृति को मिटाने के लिए ईसाइयत व इस्लाम को भारत में रखा है? ईसाइयत व इस्लाम के धरती पर रहते मानव जाति को डायनासोर की भांति नष्ट होने से कोई नहीं रोक सकता। मानव जाति को मिटाने की रही सही कमी भारतीय संविधान का संकलन कर के पूरी कर ली गई है।
अंग्रेजों के कांग्रेस की धूर्तता का 1947 से आज तक कोई विरोध नहीं कर रहा है। भारतीय संविधान का संकलन ही धोखाधड़ी है। नागरिक चाहे वह मुसलमान या ईसाई भी क्यों न हो, भारतीय संविधान का संकलन कर उसे किसान के पशु से भी निम्न स्तर पर कर दिया गया है। न किसी के पास अपनी धरती है, न अपना परिवार, न अपना देश, न अर्जित सम्पत्ति पर अधिकार और न उपासना की आजादी। बचना है तो हमसे मिलें।
सोनिया द्वारा राज्यपालों का मनोनयन!
सर्वविदित है कि आर्थिक ठगिनी प्रेसीडेंट प्रतिभा का सोनिया ने मनोनयन किया है। महाराष्ट्र सहित देश के सभी कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों का मनोनयन भी सोनिया ने ही किया। सभी राज्यपालों का मनोनयन सोनिया ने ही किया है। अब प्रधानमंत्री मनमोहन का भी सोनिया ने मनोनयन कर दिया। कैसा प्रजातंत्र व कैसा चुनाव? देश का धन क्यों बरबाद करते हो? मीडिया वालों किसी नाबदान के पानी में डूब मरो। मानवता को संकट में क्यों डालते हो?
मीडिया कर्मियों! सोनिया आप लोगों का मांस खाएगी और रक्त पिएगी। (बाइबल, यूहन्ना 6ः53). आप के नारियों का आप की आंखों के सामने बलात्कार कराएगी और आप लोग कुछ न कर पाओगे। आप के पास भारतीय दंड संहिता की धाराओं 102 व 105 के अंतर्गत सोनिया को मार डालने का कानूनी अधिकार है, जिसे आप लोग तभी पूरा कर सकते हैं, जब आप आर्यावर्त सरकार को सहयोग दें। अन्यथा मानवजाति मिट जाएगी।
देश में कोई प्रजातंत्र नहीं बल्कि सोनिया का एकतंत्र है। जनसेवक राज्यपाल के अधीन हैं और राज्यपाल जेसुइट, गौ-नरभक्षी (बाइबल, यूहन्ना 6ः53) आमेर खजाने की चोरनी सोनिया के अधीन। राज्यपाल पुलिस के संरक्षण में, आप के कर में से, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 27 का उल्लंघन करते हुए, वर्ष में 10 अरब रू0 वेतन देकर, मस्जिदों में इमामों से अजान दिला कर आप की आस्था व आप के ईश्वर का अपमान करवाते और धर्म के आधार पर सामाजिक विद्वेष फैलवाते हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 153 व 295 का उल्लंघन करते हुए अजान देने वाले किसी ईमाम पर सन् 1947 से आज तक कोई अभियोग न चला। लेकिन जो अजान का विरोध करता है, उस पर उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत राज्यपाल अभियोग चलवाते हैं। आईएसआई एजेंटों व सिमी के मुजाहिदों के अभियोग वापस लेते हैं। मृत्युदंड क्षमा करते हैं। जजों द्वारा वादकारियों से भेंट वसूल करते हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में तारीख लगाने के लिए 500 रू0 वसूलते हैं। राजस्व कर्मियों द्वारा राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी कर नागरिकों की जमीने लूटते हैं। गोरखपुर में हुतात्मा रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक की 3.3 एकड़ भूमि भूमाफिया राज्यपाल टी0वी0 राजेश्वर ने देश हत्यारे मुसलमानों के हाथों 33 करोड़ रूपयों में बेंच दी। फिर किसे छोड़ेंगे ए भूमाफिया राज्यपाल?
क्रमश:
मानव रक्षा संघ प्रकाशन
अनुवादकः अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी
मूल लेखक: अरविंद घोष