Wednesday, December 14, 2011

नेहरू खान वंश भाग-5


नेहरू ने पारसी महिला के साथ छेड़छाड़ की थी
अयोध्‍या प्रसाद त्रिपाठी
प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय
हमें कैसे पता लगा?
लोक सभा में पश्चिम बंगाल के श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू को संसद में कठिनाइयों के अवसर दिए। कानाफूसी प्रारम्भ की गई कि मुखर्जी जी के एक सम्बंधी  ने अखबार के कागजों की खरीद में कुछ घोटाला किया है। नेहरू श्री मुखर्जी या उनके सम्बंधी  के साथ कोई कमी  निकालने के लिए बेताब थे। इस कार्य को कराने के लिए किसी योग्य पुलिस अधिकारी को लगाने के लिए नेहरू ने पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बी.सी. राय को कहा।
बी.सी. राय ने एक कुशल, परिश्रमी और तेज तर्रार पुलिस अधिकारी श्री समर सेन को कलकत्ता से भेजा। श्री समर सेन ने नेहरू से भेंट की। दो घंटे तक नेहरू श्री सेन से बात करता रहा और बैठने तक को न कहा। श्री सेन ने जवाहर का कोई काम न करने का निश्चय कर लिया, जब कि वह जानते थे कि यह भारत का प्रधान मंत्री है। श्री समर सेन के अनुसार नेहरू नीच खानदान का आदमी लगा, जिसे हम सभी जानते हैं, लेकिन श्री सेन उस समय नहीं जानते थे।
नेहरू ने श्री सेन से कहा कि वे श्री मुखर्जी की कुछ कमजोरियां जानता चाहते थे; इस कार्य के लिए वे श्री सेन को विशेष  अनुमति पत्र देंगे जिसके द्वारा श्री सेन को अधिकार मिलेगा जिससे कि वे किसी कार्यालय से किसी फाइल को, बिना किसी सवाल के, प्राप्त करने के लिए अधिकृत होंगे। श्री सेन को श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के गुप्त पुलिस फाइलों का निरीक्षण करना और कुछ मिलने पर जवाहर को बताना था।
नेहरू के दुर्भाग्य से  श्री सेन वर्षों से श्री मुखर्जी के गुणगान करने वालों में थे। श्री सेन ने पहले यह बात श्री मुखर्जी को बताई और फिर विरोधियों को। श्री मुखर्जी ने श्री सेन को गौर से सुना और सलाह दी कि वे एक नहीं ऐसे दो अनुमति पत्र प्राप्त करें एक श्री मुखर्जी के लिए और दूसरा जवाहर के लिए। इस प्रकार वे यानी श्री मुखर्जी यह देखेंगे कि क्या नेहरू के फाइलों में कोई कसर है।
अपने कार्य के दौरान श्री सेन मुंबई के पार्क में प्रातः टहलने गए। वहां उनकी मुलाकात, उत्तर प्रदे्य निवासी, हिंदू महा सभा मुंबई  के अध्यक्ष एक बूढ़े से हुई। उस वृद्ध को नेहरू के पिछले जीवन के बारे में अच्छी जानकारी थी। उसी ने श्री सेन को मुंबई के सेसन अभिलेखागार को देखने की सलाह दी। इसी जांच के बाद नेहरू के पारसी लड़की से छेड़छाड़ करने के जुर्म में पुलिस द्वारा बंदी बनाए जाने का पता लगा। उसी बूढ़े की सलाह पर श्री समर सेन लखनऊ से ऊपर बताए नवाब और जवाहर के चित्र की फोटो भी ले आए।
श्री समर सेन को पता लग गया कि किस तरह का जानवर नेहरू था। सभी बातें नेहरू का पूर्व इतिहास, जन्म स्थान, नवाब के महल में सारी स्थितियां, बारिस्टर के लिए उसकी अयोग्यता, उसकी ऐय्याशी  आदि सभी पूरी निगाह में आ गईं।
किस प्रकार नेहरू ने देश  हत्यारे मोहन दास करम चंद गांधी, एक सदाबहार झूठे, के निवेदन पर, फिरोज खान को, जो मोतीलाल के मुसलमान पंसारी नवाब खां का बेटा था, जिससे इंदिरा ने निकाह कर लिया, वह भी इस्लामी कलमा पढ़ कर, मुसलमानी बनने के बाद, इंग्लैंड में शपथपत्र बनवा कर गांधी  बनवा दिया। देश को मूर्ख बनाने के लिए किस प्रकार फिरोज-इंदिरा निकाह को साम वैदिक विवाह का रूप दे दिया! श्री सेन को बाहर भीतर सबकी खबर लग गई और पता लग गया कि जिसकी गलती के कारण कश्मीर मिट रहा है और जिसके हाथों भारत का भविष्य था, वह जवाहर लाल नेहरू नामक भयानक दैत्याकार भारत का प्रधान मंत्री वास्तव में कौन था?
श्री समर सेन की कुछ काल पहले मृत्यु हो गई। उनका पुत्र कनाडा में रहता है। भारत में उनकी हत्या कर दी गई होती। इसमें कोई शक नहीं है। बहुत से लोग इस कहानी पर शक  कर सकते हैं, परंतु प्रत्येक व्यक्ति इस जानकारी के पचड़े से बचेगा कि आखिर नेहरू, गांधी और खान नामक देश का यह भयानक खानदान कौन और कैसा था? उनके लिए हम हिलारी बेलाक की यह उक्ति उद्धृत करते हैं,
ओह! हमें उस बात पर संदेह नहीं करना चाहिए जिसके विषय में कोई निश्चित नहीं जानता है।
संदर्भः
के.एन. राव की नेहरू वंशावली ; ताया जिंकिन की फ्रेंच मेमसाहिब; एम ओ मथाई की नेहरू के साथ मेरे दिन और नेहरू युग के संस्मरण; समर गुहा की नेता जी जीवित या मृत; मोहम्मद यूनुस का व्यक्ति, उत्तेजना और राजनीति।
टिप्पणीः
और आर्यों को सोनिया बता रही है कि उसके परिवार ने इस देश  की कितनी सेवा की है? यह भी कि विरोधी दलों ने आर्थिक सुधारों को  विफल कर दिया। यह नहीं बता रही है कि इस देश  को, जिस पर नेहरू खानदान ने ही 50 वर्षों  तक राज्य किया, आर्थिक सुधारों  की क्यों आवश्यकता पड़ गई?
बाबरी और ब्लू स्टार पर तो माफी मांगी जा रही है। हत्यारे इस्लाम को भारत में रखने के लिए माफी कौन मांगेगा?
नेहरू के समाजवाद और इंदिरा के गरीबी मिटाओ के विफल होने के लिए माफी कौन मांगेगा? देश  को कंगाल बनाने के लिए माफी कौन मांगेगा?
देश  के बंटवारे के लिए माफी कौन मांगेगा?
 35 लाख से अधिक  गैर मुसलमानों की अपने ही मातृभूमि में हत्या के लिए माफी कौन मांगेगा?
 दो करोड़ से अधिक  गैर मुसलमानों के अपनी मातृभूमि से पलायन के लिए माफी कौन मांगेगा?
 कश्मीर समस्या के लिए माफी कौन मांगेगा?
कश्मीर के गैर मुसलमान महिलाओं के बलात्कार के लिए माफी कौन मांगेगा?
3 लाख से अधिक  कश्मीरी गैर मुसलमानों के पलायन के लिए माफी कौन मांगेगा?
 तिब्बत व अक्साई चीन, चीन को सौंपने के लिए माफी कौन मांगेगा?
 कैलाश  मानसरोवर के साथ 42 हजार वर्गमील भूमि हारने के लिए माफी कौन मांगेगा?
 तीन बीघा देने के लिए माफी कौन मांगेगा? आदि।
क्रमश:
मानव रक्षा संघ प्रकाशन
अनुवादकः अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी
मूल लेखक: अरविंद घोष