Thursday, December 8, 2011

फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइड से सोनिया-राहुल के पसीने छूटे

जी हाँ ..संचार मंत्री कपिल सिब्बल पिछले तीन महीने से गूगल ,माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, ट्विटर जैसेसोशल नेटवर्किंग साइट्स के अधिकारियों के साथ अब तक दस बार बैठके कर चुके है ..और उनके उपर दबाव डाला जा रहा है कि जिस भी फेसबुक अकाउट से कांग्रेस , सोनिया और मनमोहन के खिलाफ बाते लिखी जा रही है उन एकाउंटस को तुरंत बंद कर दिये जाये ...
इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार चाहती है कि जब भी कोई ट्विट या फेसबुक पर कोई पोस्ट या कमेन्ट डाले तो पहले कंपनिया ये देखे कि वो कांग्रेस , सोनिया या मनमोहन के खिलाफ ना हों ..
इस बात का खुलासा नहीं होता जब बढते दबाव से तंग आकर इन सब कम्पनीयों के लोगो ने अमेरिकी प्रशासन और बराक ओबामा से भारत सरकार की शिकायत की .फिर अमेरिका ने भारत के राजदूत को बुलाकर अपना कड़ा विरोध जताया ..
और भारत मे अमेरिका के राजदूत ने भी इस पर कपिल सिब्बल से कड़ा विरोध जताया है ..
तो क्या अब हम अपनी भावनायो को भी व्यक्त नहीं कर सकते ? क्या सरकार चाहती है कि भारतीय अब सिर्फ जूते और थप्पड़ से ही सरकार और कांग्रेस के प्रति अपना गुस्सा व्यक्त करे ?
कांग्रेस और सोनिया अपने काले कारनामो पर लगाम नहीं लगा सकते तो हम इनके विरोध पर क्यों लगाम लगाये ?
असल मे आज फेसबुक पर भारत मे कुल १२ करोड अकाउंट्स है जिसमे ९२% लोग कांग्रेस के खिलाफ है ..यही चीज कांग्रेस को परेशान कर रही है ..
कांग्रेस करोडो रूपये खर्च करके मीडिया मे कई खबरे आने से रोक लेती है .लेकिन उसकी सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि वो चाह कर भी सोसल साइट्स पर वो खबरे आने से नहीं रोक पा रही है ..इसलिए कांग्रेस के करोडो रूपये बर्बाद हों जा रहे है ..क्योकि जब न्यू मीडिया [वेब पोर्टल , सोसल साइट्स ] मे कोई खबरफ़ैल जाती है तो फिर मजबूरी मे कुछ चैनेल या अखबारों को कांग्रेस से रूपये लेने के बावजूद भी उनको दिखाना पड़ जाता है ..
आइये जाने कौन सी खबरे मिडिया ने कांग्रेस से "हाजमोला " लेकर पचा ले गई --
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- सोनिया गाँधी ने जब साम्प्रदायिक हिंसा निवारण बिल बनाया तो ये खुलेआम भारत के संविधान के मूल भावना और भारत मे साम्प्रदायिक हिंसा बढ़ाना और दो समुदाओ के बीच और वैमनस्यता फैलाना था ..सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गाँधी ने खिलाफ इस बारे मे कुल २० कड़ी धाराओ मे एफ आई आर लिखवाई ..पहले तो चितंबरम के ईशारे पर दिल्ली पुलिस ने सोनिया गाँधी के खिलाफ नामजद एफ आई आर लिखने से मना कर दिया ..लेकिन जब स्वामी सुप्रीम कोर्ट गए और कोर्ट ने जब पूरा बिल पढ़ा तो सोनिया और उनकी पूरी मण्डली के खिलाफ कई धाराओ का उलंघन करने का एफ आई आर दर्ज करने का आदेश दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच को आदेश दिया ..
ये खबर सभी चैनेल कांग्र्रेस से "हाजमोला " लेकर पचा लिए ..लेकिन बाद मे सिर्फ भास्कर ने छापा ..
- राहुल गाँधी पर सुकन्या के अपहरण और बलात्कार की खबर को सभी चैनेल पचा ले गए ..
- कृपाशंकर सिंह के बेटे के अकाउंट मे १०० करोड रूपये ट्रान्सफर हुए फिर वो राबर्ट के एकाउंट मे गए ..ये भी खबर नहीं बनी ..
- पिछले साल जब केरल मे सबरीमाला मंदिर मे भगदड़ मे करीब २०० हिंदू श्रधालु मारे गए तो राहुल गाँधी उस जगह से सिर्फ १० किलोमीटर ही दूर थे ..वो सुमन दूबे की बेटी की शादी मे थे ..उनको खबर दी गयी ..उनके साथ केरल कांग्रेस के कई नेता भी थे उन्होंने राहुल गाँधी से घटना स्थल पर जाने की अपील की ..लेकिन राहुल गाँधी अपने दोस्तों के साथ मौज मस्ती मे डूबे रहे ..यहाँ तक कई कांग्रेसी नेताओ ने खुलेआम राहुल गाँधी के इस वर्ताव की निंदा की ..
इस खबर को भी मीडिया "हाजमोला " खाकर पचा गयी ..
- जी घोटाले के कुछ समय बाद राबर्ट बढेरा ने देश की रियल स्टेट की सबसे बड़ी कम्पनी डीएलएफ मे २३% हिस्सेदारी खरीदी ..और राबर्ट वढेरा के संपत्ति मे हर रोज करीब तीन करोड की वृद्धि को भी मीडिया पचा गयी .
एक दिन स्टार न्यूज़ ने एक खबर दिखाई थी "राबर्ट का साम्राज्य " लेकिन इसे बीच मे ही बंद कर दिया गया ..और जैसे दूसरे खबर कई बार दिखाए जाते है .ये खबर कभी नहीं दिखाई गयी ..
- अभी कुछ दिन पहले ही उतराखण्ड मे मुख्यमंत्री खंडूरी ने सोनिया को रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने पर गिरफ्तार करने की चेतावनी दी थी ..बाद मे प्रधानमंत्री ने संविधान और प्रोटोकाल के हनन पर सोनिया को एरपोर्ट से वापस बुला लिया था ..
ये खबर भी हमारी मिडिया पचा ले गयी ..एक हप्ते बाद भास्कर ने इसे छापा ..
- सोनिया गाँधी ने ?अपने निजी विदेश यात्रा पर १८५० करोड रूपये खर्च किये ..ये जानकारी खुद सरकार ने एक आर टी आई के जबाब मे दी है ..लेकिन ये भी किसी मिडिया की खबर नहीं बनी ..
१० - सोनिया गाँधी के चारो और जो धुर हिंदू विरोधी जमे है जैसे उनके निजी सचिब विसेंट जार्ज ..राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ,,उनके दामाद राबर्ट वढेरा ..उनके कार्यक्रम के कन्वीनर आस्कर फर्नांडीस.. इनके बारे मे मीडिया कभी नहीं बताती .आखिर १०० करोड हिंदू आबादी वाले देश मे सोनिया गाँधी को कोई हिंदू नहीं मिलता ??
मित्रों ..आखिर किसी के आवाज को तो कांग्रेस दबा सकती है लेकिन हमारे गुस्से और हमारे भावनायो को नहीं ...
आपातकाल मे भी हमारे उपर हर तरह के प्रतिबन्ध थोपे गए लेकिन क्या हुआ ?? हमारा गुस्सा और बढता गया ..
सरकार इन पर प्रतिबन्ध लगाने से पहले सोचे कि " गन्दगी आईने में नहीं चेहरे पर लगी है. बेहतर है चेहरा साफ़ किया जाये न कि आइना................!"