Sunday, December 18, 2011

धर्मनिरपेक्ष आर्यों के समूल नाश का ब्रह्मास्त्र

नेहरू खान  वंश भाग-7








अयोध्‍या प्रसाद त्रिपाठी
 

प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय

 

आइए देखें धर्मनिरपेक्ष मूल्य क्या हैं? धर्मनिरपेक्ष कौन है? और कौन कहा जा रहा है? यदि आप इसे समझ लेंगे तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। यदि आप नहीं समझ सकते तो अपनी और राष्ट्र  की मृत्यु निश्चित समझिए!
आर्यों की एक श्रीमद्भगवत्गीता है उसके 7 वें अध्याय का 21वां श्लोक कहता है,
‘‘यो यो यां यां तनुं भक्तः श्रद्धयार्चितुमिच्छति।
तस्य तस्याचलां श्रद्धां तामेव विदद्दाम्यहम।।’’ गीता 7.21।।
जो जो भक्त जिस जिस देवता की श्रद्धापूर्वक पूजा करना चाहता है, उस-उस देवता के प्रति मैं उसकी श्रद्धा को दृढ़ कर देता हूं। फिर भी गीता को मानने वाले घोर सांप्रदायिक हैं!
यही गीता और आर्य सांप्रदायिक हैं और इस्लाम का ला इलाह इल्ल अल्लाहयानी केवल अल्लाह पूज्य है और जो अल्लाह को नहीं पूजता उसके लिए कुरआन कहता है,
‘‘98. ( कहा जाएगा): निश्चय ही तुम और वह जिसे तुम अल्लाह के सिवा पूजते थे जहन्नम का ईंधन हो। तुम अवश्य मौत के घाट उतरोगे।’’ कुरआन 21. सूरह अल-अंविया आयत 98
और यही अल्लाह और उसके अनुयायी मुसलमान सच्चे पंथनिरपेक्ष हैं। यही अल्लाह, जो अन्य धर्मावलंबियों को कत्ल करता है, गांधी का ईश्वर है! यही अल्लाह के आदेशों का संकलन आसमानी किताब कुरआन, जो कत्ल करने, लूटने, बलात्कार करने, गैरमुसलमानों और गैर मुसलमान देशों को इस्लाम में परिवर्तित करने की निर्देशिका है, महान धर्मनिरपेक्ष किताब है। इस्लाम और उसके अनुयायी मुसलमान महान धर्मनिरपेक्ष हैं? जानवरों के और गैर मुसलमानों के मानवाधिकार नहीं होते। यह तथ्य कश्मीरी गैर मुसलमानों का अपने ही देश में शरणार्थी बनना सिद्ध कर चुका है।
आर्य अपनी संस्कृति से पीड़ित हैं. यह संस्कृति मनुष्य को सम्पत्ति का अधिकार देती है. मनुस्मृति कहती है,
‘‘अरक्षितारं राजानं बलिषडभागहारिणम्।
तमाहुः सर्वलोकस्य समग्रमलहारकम्।।3.308।।
यानी बिना रक्षा किए हुए राजा उपज का छठा भाग कर लेता है तो वह समग्र पापों का भागी है।
इससे दो बातें पैदा होती हैं। पहला राज्य 16.67 प्रतिशत से अधिक कर नहीं ले सकता और दूसरा शेष 83.33 प्रतिशत सम्पत्ति का मनुष्य स्वामी है. कांग्रेसियों को चाहिये था सम्पत्ति पर एकाधिकार, 98 प्रतिशत आयकर और 345 प्रतिशत सीमा कर. अतः आर्यों को मिटाना कांग्रेस की विवशता थी. स्पष्टतः जो सिद्धांत सारे विश्व के लूट के सिद्धांतों के विरोधी  हैं उन्हें समूल नष्ट कर देना पूरे विश्व की विवशता है. यह कार्य छद्म रूप में ही संभव था. चूंकि अल्लाह मुसलमानों को आज्ञा देता है कि जो मुसलमान नहीं है उसे कत्ल कर दो ( देखें कुरआन 33.61), युद्ध में लूटा माल अल्लाह का है (देखें कुरआन 8.1) और मुसलमानों को युद्ध के लिये ललकारता है ( देखें कुरआन 8.65)। अतः अंग्रेजों की कांग्रेस के एजेंटों को मुसलमानों के रूप में आर्यों के समूल नाश के लिये साधन मिल गया. यही कारण रहा कि मुसलमानों को उनका हिस्सा पाकिस्तान देने के बाद भी अल्पसंख्यक बनाकर भारत में रखा गया. आज कश्मीर में जो हो रहा है वह आर्यों के समूल नाश के श्रृंखला की एक कड़ी है. वह दिन दूर नहीं जब शेष भारत में गैर मुसलमान के कत्ल होंगे.
प्रकृति का कानून बड़ा कठोर है. वहां अल्पसंख्यक और पिछड़ों का आरक्षण नहीं चलता. गर्भाधान के समय करोड़ों शुक्राणु में से जो सबसे शक्तिशाली होता है, वही जीवित बचता है शेष नष्ट हो जाते हैं। अहिंसा धोखाधड़ी है। हिंसा स्वांस क्रिया की भांति जीवन की अविरल प्रक्रिया है। जीव जीव का भोजन है। अहिंसक कोई हो ही नहीं सकता। मानव के शरीर में लाल व स्वेत रक्त होता है। जहां लाल रक्त सारे शरीर में आक्सीजन पहुंचाने का कार्य करते हैं वहीं स्वेत रक्त हानिकारक कीटाणुओं  की हत्या करते हैं। स्वेत रक्त यदि एक घंटे भी अपना कार्य बंद कर दें तो मानव मर जाएगा। गांधी  ने अहिंसा का बहाना गैर मुसलमानों को समूल नष्ट कराने के लिए लिया। यह श्‍वेत उन जैनियों के शरीर  में भी होते हैं, जो मुंह पर स्वेत पट्टी बांध कर अहिंसक होने का ढोंग करते हैं। इस देश  को दास बनाने का श्रेय बुद्ध और जैन धर्म  को ही है। अभी भी आर्य समझ नहीं पा रहे हैं। आर्य आत्मघात पर जुटे हुए हैं। नष्ट तो डाइनासोर हो गये और महाभारत में भारत की महान सभ्यता. गैर मुसलमान जाति नष्ट होने के कगार पर है. समय को पहचानिये और आसुरी शक्तियों का विनाश करने में मानव रक्षा संघ की सहायता कीजिये. अपनी रक्षा करना आर्यों का आपद्धर्म  है. सूक्ष्म अध्ययन कीजिये भारत का संविधान पंथनिरपेक्ष और समाजवादी है। अल्लाह आर्यों के धर्म को कुफ्र  कहता है जो कत्ल से बुरा है ( देखें कुरआन 2.191) और मार्क्‍सवाद  के अनुसार धर्म अफीम है.
अगर गैर मुसलमान का यह प्रश्न है कि गैर मुसलमान ही गैर मुसलमान की हत्या क्यों करायेगा तो उसका उत्तर अत्यंत स्पष्ट है. राव और सुखराम भी गैर मुसलमान हैं। डाकू का उद्येश्य लूटना होता है और वह अपने मां और बाप केा भी लूट में ब्यवधान  बनने पर जीवित नहीं छोड़ता. डाकू हर उस व्यक्ति या साधन जैसे टेलीफोन लाइन को काट देता है जिससे उसकी लूट में रुकावट पैदा हो सकती है.
अंग्रेजों ने आर्यों को मिटाने का प्रयत्न किया भारत के हत्यारे, आर्यों का हिस्सा लूट कर मुसलमानों को देने वाले मोहन दास करमचंद गांधी  और कांग्रेस के द्वारा। आर्य फिर भी बचे हुए हैं। लूट और दासता विरोधी  बचे हुए हैं! यह कष्ट विश्व को बेचैन किए हुए है। अतः अब सोनिया के भेष में अंग्रेजों की भेजी पूतना आ गई है।
वैदिक धर्म और उसकी शिक्षाओं को मानने वाले गैर मुसलमान डाकू मुहम्मद, लोकतंत्र और कार्ल मार्क्स की लुटेरी ब्यवस्था में रुकावट हैं। इनका समूल नाश इस्लाम, ईसाइयत और समाजवाद की मूल आवश्यकता है। धर्म की रक्षा न करने वाला कभी जीवित बच नहीं सकता।
मनुस्मृति का आदेश है,
‘‘धर्मएव हतो हंति द्दर्मो रक्षति रक्षतः।
तस्माद्धर्मो न हन्तब्यो मानो द्दर्मो ऽहतोऽवद्दीत।।8.15।।
अर्थः नष्ट हुआ धर्म ही मारता है और रक्षा किया हुआ धर्म ही रक्षा करता है इसलिये नष्ट हुआ धर्म कहीं हमको न मारेयह विचारकर धर्म  का नाश नहीं करना चाहिये। आर्यों को मरवाना है। अतः भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है। आप क्या कर रहे हैं? इस नीति के अनुसार यदि आप धर्म की रक्षा नहीं करेंगे तो निश्चित रूप से मरेंगे। अल्लाह गैर मुसलमानों के धर्म को कुफ्र  कहता है जो कत्ल से बुरा है ( देखें कुरआन 2.191) और समाजवाद के अनुसार धर्म अफीम है. दोनो को ही आप सम्मानित कर रहे हैं। अतः आप जीवित न बचे और न बच सकते हैं।
राज्य का उत्तरदायित्व है अपराधी  को दंड देना और नागरिकों के जान, माल और सम्मान की रक्षा करना. इसके विपरीत जिन मुसलमानों की पूजा ही मात्र अल्लाह पूज्य हैकहना है, उसे सर्वधर्म समभाव की पूजा कहा जा रहा है।
कश्मीर में प्रजातंत्रीय ब्यवस्था पुनर्जीवित की जा रही है. तो क्या हिंदुओं को उजाड़ना, कत्ल करना और लूटना ही प्रजातंत्र का उद्येश्य नहीं रह गया है? गैर मुसलमान विचार करें कि ऐसे प्रजातंत्र को ले कर वे क्या करेंगे? यह भी विचार करें कि वे कौन से कारण हैं:
मुसलमानों को उनका हिस्सा पाकिस्तान और आज का बंगलादेश देने के बाद भी भारत में रखा गया? आज क्यों प्रधानमंत्री मनमोहन देश के संसाधनों पर मुसलमानों का पहला अधिकार दे रहा है?
आज पाकिस्तान और बंगलादेश इस्लामी राज्य हैं और भारत हिंदू राष्ट्र न बन सका? विश्व का एक मात्र हिंदू राष्ट्र नेपाल भी साम्यवादी हो गया।
क्रमश:
मानव रक्षा संघ प्रकाशन
अनुवादकः अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी
मूल लेखक: अरविंद घोष