डॉ0 संतोष राय
नेहरू को कोई भी देशवासी प्रधानमंत्री पद पर नही देखना चाहतो था।आजादी के समय प्रधानमंत्री पद के लिये मतदान हुये जिसमें 16 बड़े राज्यों के लोगों ने वोट डाले थे। जिसमें 16 में से 13 वोट सरदार वल्लभ भाई पटेल के लिये, 2 लाल बहादुर शास्त्री के लिये और 01 वोट मौलाना अबुल कलाम आजाद के लिये था। नेहरू के लिये एक भी वोट नही पढ़ा था। नेहरू को कोई भी हिन्दुस्तानी प्रधानमंत्री नही बनाना चाहता था। जब नेहरू को पता चला तो वो जाकर गांधी के पास रोया-गिड़गिड़ाया, इसके बाद गांधी ने सरदार पटेल को जाकर समझाया और पटेल तो गांधी के भक्त थे सो नेहरू के लिये प्रधानमंत्री की गद्दी छोड़ दी। जिसका परिणाम आज तक हिन्दुस्तानी भुगत रहा है। ये सब बातें गांधी ने स्वयं ही अपने एक किताब में लिख रखी है। किताब का नाम है ''द हिडेन साइड ऑफ गांधी''।
प्रिय मित्रों हम इन सारे जानकारियों को उन सब तक पहुंचायेंगे जो साइबर दुनिया से नही जुड़े है। हम सारे इतिहास को नही जानते और बस हांथ पर अपना मोहर मार कर चले आते हैं। हमें कांग्रेस को हर हाल में हराना है वर्ना न हमारी संस्कृति न ही हमारे घर की महिलायें सुरक्षित रहेंगी।
हम घोर परिश्रम करके विधानसभा में जायें और ये सारे बातें प्रचार करें ताकि कांग्रेस की जड़ में मट्ठा डाला जा सके। आप अभी से तैयार हो जायें। क्योंकि सेकुलरवादी तो पशु की श्रेणी में नही आते।